कांचना: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) जयकुमार और सुलोचना के शील की परीक्षा के लिए रविप्रभ नामक देव के द्वारा प्रेषित एक देवी । यह उनके शील को डिगा नहीं सकी । महापुराण 47. 259-261 पांडवपुराण 3. 263</p> | <p id="1"> (1) जयकुमार और सुलोचना के शील की परीक्षा के लिए रविप्रभ नामक देव के द्वारा प्रेषित एक देवी । यह उनके शील को डिगा नहीं सकी । <span class="GRef"> महापुराण 47. 259-261 </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 3. 263 </span></p> | ||
<p id="2">(2) एक नदी । महापुराण 63. 158</p> | <p id="2">(2) एक नदी । <span class="GRef"> महापुराण 63. 158 </span></p> | ||
<p id="3">(3) जम्बूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में स्थित पुष्कलावती देश की पुण्डरीकिणी नगरी के राजा धनरथ की दूसरी रानी मनोरमा की दासी । महापुराण 63. 142-144, 150-152</p> | <p id="3">(3) जम्बूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में स्थित पुष्कलावती देश की पुण्डरीकिणी नगरी के राजा धनरथ की दूसरी रानी मनोरमा की दासी । <span class="GRef"> महापुराण 63. 142-144, 150-152 </span></p> | ||
<p id="4">(4) रुचकगिरि की | <p id="4">(4) रुचकगिरि की पश्चिम दिशा में स्थित आठ कुट्टी में पाँचवें कुमुद नामक कूट की निवासिनी देवी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.713 </span></p> | ||
Revision as of 21:39, 5 July 2020
(1) जयकुमार और सुलोचना के शील की परीक्षा के लिए रविप्रभ नामक देव के द्वारा प्रेषित एक देवी । यह उनके शील को डिगा नहीं सकी । महापुराण 47. 259-261 पांडवपुराण 3. 263
(2) एक नदी । महापुराण 63. 158
(3) जम्बूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में स्थित पुष्कलावती देश की पुण्डरीकिणी नगरी के राजा धनरथ की दूसरी रानी मनोरमा की दासी । महापुराण 63. 142-144, 150-152
(4) रुचकगिरि की पश्चिम दिशा में स्थित आठ कुट्टी में पाँचवें कुमुद नामक कूट की निवासिनी देवी । हरिवंशपुराण 5.713