कुबेरमित्र: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> जम्बूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में स्थित पुष्कलावती देश की पुण्डरीकिणी नगरी के राजा प्रजापाल का राजश्रेष्ठी । इसकी धनवती आदि बत्तीस स्त्रियां थीं । धनवती का पुत्र कुबेरकान्त था । इसका समुद्रदत्त नाम का एक साला भी इसके नगर में रहता था । महापुराण 19.56, पांडवपुराण 3.201-203 राजा के मन्त्री फल्गुमति ने इसे अपना विरोधी जानकर राजा के द्वारा हटा दिया था । बाद में इसकी सच्चाई और विवेक के कारण राजा ने इसे अपने पास पूर्ववत् मुक्ता लिया था । महापुराण 46.52-72</p> | <p> जम्बूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में स्थित पुष्कलावती देश की पुण्डरीकिणी नगरी के राजा प्रजापाल का राजश्रेष्ठी । इसकी धनवती आदि बत्तीस स्त्रियां थीं । धनवती का पुत्र कुबेरकान्त था । इसका समुद्रदत्त नाम का एक साला भी इसके नगर में रहता था । <span class="GRef"> महापुराण 19.56, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 3.201-203 </span>राजा के मन्त्री फल्गुमति ने इसे अपना विरोधी जानकर राजा के द्वारा हटा दिया था । बाद में इसकी सच्चाई और विवेक के कारण राजा ने इसे अपने पास पूर्ववत् मुक्ता लिया था । <span class="GRef"> महापुराण 46.52-72 </span></p> | ||
Revision as of 21:39, 5 July 2020
जम्बूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में स्थित पुष्कलावती देश की पुण्डरीकिणी नगरी के राजा प्रजापाल का राजश्रेष्ठी । इसकी धनवती आदि बत्तीस स्त्रियां थीं । धनवती का पुत्र कुबेरकान्त था । इसका समुद्रदत्त नाम का एक साला भी इसके नगर में रहता था । महापुराण 19.56, पांडवपुराण 3.201-203 राजा के मन्त्री फल्गुमति ने इसे अपना विरोधी जानकर राजा के द्वारा हटा दिया था । बाद में इसकी सच्चाई और विवेक के कारण राजा ने इसे अपने पास पूर्ववत् मुक्ता लिया था । महापुराण 46.52-72