क्षायिकभाव: Difference between revisions
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<p> कर्मों के नष्ट हो जाने पर जीव के उत्पन्न भाव । इनके | <p> कर्मों के नष्ट हो जाने पर जीव के उत्पन्न भाव । इनके सद्भाव में आत्मा इन्हीं में शाश्वत तन्मय रहता है । <span class="GRef"> महापुराण 54.155 </span></p> | ||
Revision as of 21:40, 5 July 2020
कर्मों के नष्ट हो जाने पर जीव के उत्पन्न भाव । इनके सद्भाव में आत्मा इन्हीं में शाश्वत तन्मय रहता है । महापुराण 54.155