क्षायोपशमिक: Difference between revisions
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<p> सम्यग्दर्शन का एक भेद । यह दर्शनमोहनीय कर्म के क्षयोपशम से उत्पन्न होता है । हरिवंशपुराण 3. 144</p> | <p> सम्यग्दर्शन का एक भेद । यह दर्शनमोहनीय कर्म के क्षयोपशम से उत्पन्न होता है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 3. 144 </span></p> | ||
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Revision as of 21:40, 5 July 2020
सम्यग्दर्शन का एक भेद । यह दर्शनमोहनीय कर्म के क्षयोपशम से उत्पन्न होता है । हरिवंशपुराण 3. 144