क्षोभ: Difference between revisions
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प्र.सा./ता.वृ./ | प्र.सा./ता.वृ./7/9/13 <span class="SanskritText">निर्विकारनिश्चलचित्तवृत्तिरूपचारित्रस्य विनाशकश्चारित्रमोहाभिधान: क्षोभ इत्युच्यते।</span>=<span class="HindiText">निर्विकार निश्चल चित्त की वृत्ति का विनाशक जो चारित्रमोह है वह क्षोभ कहलाता है। </span> | ||
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Revision as of 21:40, 5 July 2020
प्र.सा./ता.वृ./7/9/13 निर्विकारनिश्चलचित्तवृत्तिरूपचारित्रस्य विनाशकश्चारित्रमोहाभिधान: क्षोभ इत्युच्यते।=निर्विकार निश्चल चित्त की वृत्ति का विनाशक जो चारित्रमोह है वह क्षोभ कहलाता है।