गंधिल: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से पश्चिम की ओर विदेहक्षेत्रस्थित एक देश । इसकी पूर्व दिशा में मेरु पर्वत, पश्चिम में उर्मिमालिनी विभंगा नदी, दक्षिण में सीतोदा नदी और उत्तर में नीलगिरि है । रजतमय विजयार्ध पर्वत इसी के मध्य में है तथा इसी पर्वत पर दस-दस योजन चौड़ी उत्तर और दक्षिण नाम की दो श्रेणियाँ है । | <p id="1"> (1) जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से पश्चिम की ओर विदेहक्षेत्रस्थित एक देश । इसकी पूर्व दिशा में मेरु पर्वत, पश्चिम में उर्मिमालिनी विभंगा नदी, दक्षिण में सीतोदा नदी और उत्तर में नीलगिरि है । रजतमय विजयार्ध पर्वत इसी के मध्य में है तथा इसी पर्वत पर दस-दस योजन चौड़ी उत्तर और दक्षिण नाम की दो श्रेणियाँ है । सिं<span class="GRef"> हरिवंशपुराण </span>र तथा अयोध्या इसी देश में हैं । <span class="GRef"> महापुराण 4.51-52, 81, 85, 5.230, 59.276-277 </span></p> | ||
<p id="2">(2) पुष्करार्ध द्वीप के पश्चिम सुमेरु की पश्चिम दिशा में प्रवाहित महानदी के उत्तरी तट पर स्थित एक देश । महापुराण 70.26-27</p> | <p id="2">(2) पुष्करार्ध द्वीप के पश्चिम सुमेरु की पश्चिम दिशा में प्रवाहित महानदी के उत्तरी तट पर स्थित एक देश । <span class="GRef"> महापुराण 70.26-27 </span></p> | ||
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Revision as of 21:40, 5 July 2020
(1) जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से पश्चिम की ओर विदेहक्षेत्रस्थित एक देश । इसकी पूर्व दिशा में मेरु पर्वत, पश्चिम में उर्मिमालिनी विभंगा नदी, दक्षिण में सीतोदा नदी और उत्तर में नीलगिरि है । रजतमय विजयार्ध पर्वत इसी के मध्य में है तथा इसी पर्वत पर दस-दस योजन चौड़ी उत्तर और दक्षिण नाम की दो श्रेणियाँ है । सिं हरिवंशपुराण र तथा अयोध्या इसी देश में हैं । महापुराण 4.51-52, 81, 85, 5.230, 59.276-277
(2) पुष्करार्ध द्वीप के पश्चिम सुमेरु की पश्चिम दिशा में प्रवाहित महानदी के उत्तरी तट पर स्थित एक देश । महापुराण 70.26-27