चंपक: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) एक वृक्ष । तीर्थंकर मुनिसुव्रत को इसी वृक्ष के नीचे कैवल्य हुआ था । महापुराण 20. 56, 67.46-47</p> | <p id="1"> (1) एक वृक्ष । तीर्थंकर मुनिसुव्रत को इसी वृक्ष के नीचे कैवल्य हुआ था । <span class="GRef"> महापुराण 20. 56, 67.46-47 </span></p> | ||
<p id="2">(2) कंस का एक हाथी । हरिवंशपुराण 36.13</p> | <p id="2">(2) कंस का एक हाथी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 36.13 </span></p> | ||
<p id="3">(3) समवसरण मै चम्पक वन की दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित चम्पकपुर का निवासी एक देव । हरिवंशपुराण 5.428</p> | <p id="3">(3) समवसरण मै चम्पक वन की दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित चम्पकपुर का निवासी एक देव । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.428 </span></p> | ||
<p id="4">(4) विजयदेव के नगर से पच्चीस योजन दूर स्थित समवसरण के चार वनों में एक वन । महापुराण 22.163, 182, 199-204, हरिवंशपुराण 5.422</p> | <p id="4">(4) विजयदेव के नगर से पच्चीस योजन दूर स्थित समवसरण के चार वनों में एक वन । <span class="GRef"> महापुराण 22.163, 182, 199-204, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.422 </span></p> | ||
Revision as of 21:40, 5 July 2020
(1) एक वृक्ष । तीर्थंकर मुनिसुव्रत को इसी वृक्ष के नीचे कैवल्य हुआ था । महापुराण 20. 56, 67.46-47
(2) कंस का एक हाथी । हरिवंशपुराण 36.13
(3) समवसरण मै चम्पक वन की दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित चम्पकपुर का निवासी एक देव । हरिवंशपुराण 5.428
(4) विजयदेव के नगर से पच्चीस योजन दूर स्थित समवसरण के चार वनों में एक वन । महापुराण 22.163, 182, 199-204, हरिवंशपुराण 5.422