जगत्पादगिरि: Difference between revisions
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<p> किष्किन्धा के पास एक पर्वत । यह शिवघोष मुनि की निर्वाण भूमि है । लक्ष्मण ने सात दिन तक निराहार रहकर इसी पर्वत पर प्रज्ञप्ति नाम की विद्या सिद्ध की थी । महापुराण 68.468-469</p> | <p> किष्किन्धा के पास एक पर्वत । यह शिवघोष मुनि की निर्वाण भूमि है । लक्ष्मण ने सात दिन तक निराहार रहकर इसी पर्वत पर प्रज्ञप्ति नाम की विद्या सिद्ध की थी । <span class="GRef"> महापुराण 68.468-469 </span></p> | ||
Revision as of 21:41, 5 July 2020
किष्किन्धा के पास एक पर्वत । यह शिवघोष मुनि की निर्वाण भूमि है । लक्ष्मण ने सात दिन तक निराहार रहकर इसी पर्वत पर प्रज्ञप्ति नाम की विद्या सिद्ध की थी । महापुराण 68.468-469