जटिल: Difference between revisions
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<p> भगवान महावीर के पूर्वभव का मरीचि का जीव । ब्रह्म स्वर्ग से च्युत होकर यह भरतक्षेत्र स्थित साकेत नगरी के निवासी कपिल नामक ब्राह्मण तथा काली नामा ब्राह्मणी का पुत्र हुआ । पूर्व सस्कार के योग से परिव्राजक के मत मे स्थिर होकर इसने पहले की भाँति चिरकाल तक उसी मार्ग का उपदेश दिया और मरकर सौधर्म स्वर्ग मे देव हुआ । दो सागर पर्यन्त यह वहाँ रहा तथा आयु के अन्त में वहाँ से च्युत होकर इसी भरतक्षेत्र के सभागार नामक नगर में भारद्वाज नामक ब्राह्मण और उसके पुष्पदत्ता स्त्री का पुण्यमित्र नामक पुत्र हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 74.66-71, 76.5-34, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 2.105-113 </span></p> | |||
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Revision as of 21:41, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से == (म.पु./74/68) एक ब्राह्मण पुत्र। यह वर्द्धमान भगवान् का दूरवर्ती पूर्वभव है। देखो ‘वर्द्धमान’।
पुराणकोष से
भगवान महावीर के पूर्वभव का मरीचि का जीव । ब्रह्म स्वर्ग से च्युत होकर यह भरतक्षेत्र स्थित साकेत नगरी के निवासी कपिल नामक ब्राह्मण तथा काली नामा ब्राह्मणी का पुत्र हुआ । पूर्व सस्कार के योग से परिव्राजक के मत मे स्थिर होकर इसने पहले की भाँति चिरकाल तक उसी मार्ग का उपदेश दिया और मरकर सौधर्म स्वर्ग मे देव हुआ । दो सागर पर्यन्त यह वहाँ रहा तथा आयु के अन्त में वहाँ से च्युत होकर इसी भरतक्षेत्र के सभागार नामक नगर में भारद्वाज नामक ब्राह्मण और उसके पुष्पदत्ता स्त्री का पुण्यमित्र नामक पुत्र हुआ । महापुराण 74.66-71, 76.5-34, वीरवर्द्धमान चरित्र 2.105-113