जयधवला: Difference between revisions
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आ.यतिवृषभ (ई.150-180) कृत कषाय पाहुड़ ग्रन्थ की 60,000 श्लोक प्रमाण विस्तृत टीका है। इसमें से 20,000 श्लोक प्रमाण भाग तो आ.वीरसेन स्वामी (ई.770-827) कृत है और शेष 40,000 श्लोक प्रमाण भाग उनके शिष्य आ.जिनसेन स्वामी ने ई.837 में पूरा किया। (देखें [[ परिशिष्ट#1 | परिशिष्ट - 1]])। | |||
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Revision as of 21:41, 5 July 2020
आ.यतिवृषभ (ई.150-180) कृत कषाय पाहुड़ ग्रन्थ की 60,000 श्लोक प्रमाण विस्तृत टीका है। इसमें से 20,000 श्लोक प्रमाण भाग तो आ.वीरसेन स्वामी (ई.770-827) कृत है और शेष 40,000 श्लोक प्रमाण भाग उनके शिष्य आ.जिनसेन स्वामी ने ई.837 में पूरा किया। (देखें परिशिष्ट - 1)।