णमोकार पैंतीसी व्रत: Difference between revisions
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आषाढ़ शु. 7 से आसौज शु. 7 तक 7 सप्तमियां; कार्तिक कृ.5 से पौष कृ05 तक 5 पंचमियां; पौष कृ.14 से आषाढ़ शु.14 तक 14 चतुर्दशियां; श्रावण कृ.9 से आसौज कृ.9 तक 9 नवमियां, इस प्रकार 35 तिथियों में 35 उपवास करे। णमोकार मन्त्र की त्रिकाल जाप्य करे। नमस्कार मन्त्र की ही पूजा करे। (व्रत विधान संग्रह/पृ.45)। | |||
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Revision as of 21:41, 5 July 2020
आषाढ़ शु. 7 से आसौज शु. 7 तक 7 सप्तमियां; कार्तिक कृ.5 से पौष कृ05 तक 5 पंचमियां; पौष कृ.14 से आषाढ़ शु.14 तक 14 चतुर्दशियां; श्रावण कृ.9 से आसौज कृ.9 तक 9 नवमियां, इस प्रकार 35 तिथियों में 35 उपवास करे। णमोकार मन्त्र की त्रिकाल जाप्य करे। नमस्कार मन्त्र की ही पूजा करे। (व्रत विधान संग्रह/पृ.45)।