देवछंद: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) लवणांकुश का पक्षधर एक नृप । पद्मपुराण 102.168</p> | <p id="1"> (1) लवणांकुश का पक्षधर एक नृप । <span class="GRef"> पद्मपुराण 102.168 </span></p> | ||
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<p id="3">(3) अकृत्रिम चैत्यालयों का गर्भगृह । यह आठ योजन लम्बा दो योजन चौड़ा, चार योजन ऊँचा और एक कोस गहरा है । इसमें स्वर्ण और रत्नों से निर्मित पाँच सौ धनुष ऊंची एक सौ आठ जिन प्रतिमाएँ विद्यमान है । हरिवंशपुराण 5.354,360-365</p> | <p id="3">(3) अकृत्रिम चैत्यालयों का गर्भगृह । यह आठ योजन लम्बा दो योजन चौड़ा, चार योजन ऊँचा और एक कोस गहरा है । इसमें स्वर्ण और रत्नों से निर्मित पाँच सौ धनुष ऊंची एक सौ आठ जिन प्रतिमाएँ विद्यमान है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.354,360-365 </span></p> | ||
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Revision as of 21:42, 5 July 2020
(1) लवणांकुश का पक्षधर एक नृप । पद्मपुराण 102.168
(2) इक्यासी लड़ियों से निर्मित हार । महापुराण 16.58
(3) अकृत्रिम चैत्यालयों का गर्भगृह । यह आठ योजन लम्बा दो योजन चौड़ा, चार योजन ऊँचा और एक कोस गहरा है । इसमें स्वर्ण और रत्नों से निर्मित पाँच सौ धनुष ऊंची एक सौ आठ जिन प्रतिमाएँ विद्यमान है । हरिवंशपुराण 5.354,360-365