द्विकावलि: Difference between revisions
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<p> एक व्रत । यह अड़तालीस दिन में सम्पन्न होता है । इसमें अड़तालीस षण्ठोपवास (बेला) और इतनी ही पारणाएँ की जाती हैं । हरिवंशपुराण 34.68</p> | <p> एक व्रत । यह अड़तालीस दिन में सम्पन्न होता है । इसमें अड़तालीस षण्ठोपवास (बेला) और इतनी ही पारणाएँ की जाती हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 34.68 </span></p> | ||
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Revision as of 21:42, 5 July 2020
एक व्रत । यह अड़तालीस दिन में सम्पन्न होता है । इसमें अड़तालीस षण्ठोपवास (बेला) और इतनी ही पारणाएँ की जाती हैं । हरिवंशपुराण 34.68