नै:क्षंगयभावना: Difference between revisions
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Revision as of 21:43, 5 July 2020
पंचेन्द्रिय सम्बन्धी सचित्र और अचित्र विषयों में अनासक्ति । ये दो प्रकार की होती हैं― बाह्य और आभ्यन्तर । महापुराण 20. 165