पूजापाठ: Difference between revisions
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<li> आचार्य पूज्यपाद (ई.श. | <li> आचार्य पूज्यपाद (ई.श.5) कृत जैनाभिषेक। </li> | ||
<li>अभयनन्दि (ई. श. | <li>अभयनन्दि (ई. श. 10-11) कृत श्रेयोविधान। </li> | ||
<li> आ. अभयनन्दि (ई.श. | <li> आ. अभयनन्दि (ई.श. 10-11) कृत पूजाकल्प। </li> | ||
<li> आ. इन्द्रनन्दि (ई. श. | <li> आ. इन्द्रनन्दि (ई. श. 10-11) कृत अंकुरारोपण। </li> | ||
<li> आ. इन्द्रनन्दि (ई. श. | <li> आ. इन्द्रनन्दि (ई. श. 10-11) कृत प्रतिमासंस्कारारोपण। </li> | ||
<li> आ. इन्द्रनन्दि (ई. श. | <li> आ. इन्द्रनन्दि (ई. श. 10-11) कृत मातृकायन्त्र पूजा। </li> | ||
<li> आ. इन्द्रनन्दि (ई. श. | <li> आ. इन्द्रनन्दि (ई. श. 10-11) कृत शान्तिचक्रपूजा। </li> | ||
<li> आ. नयनन्दि (ई. | <li> आ. नयनन्दि (ई. 993-1043) कृत सकल विधि विधान। </li> | ||
<li> आ. श्रुतसागर (ई. | <li> आ. श्रुतसागर (ई. 1487-1533) कृत सिद्धचक्राष्टक पूजा। </li> | ||
<li> आ. श्रुतसागर (ई. | <li> आ. श्रुतसागर (ई. 1487-1533) कृत श्रुतस्कन्धपूजा। (ती./3/400)।</li> | ||
<li> आचार्य मल्लिषेण (ई. | <li> आचार्य मल्लिषेण (ई. 1128) द्वारा विरचित ज्वालिनी कल्प। </li> | ||
<li> आ. मल्लिषेण (ई. | <li> आ. मल्लिषेण (ई. 1128) द्वारा विरचित पद्मावती कल्प। </li> | ||
<li> आ. मल्लिषेण (ई. | <li> आ. मल्लिषेण (ई. 1128) द्वारा विरचित वज्रपंजर विधान। </li> | ||
<li> पं.आशाधर (ई. | <li> पं.आशाधर (ई. 1173-1243) द्वारा रचित जिनयज्ञ कल्प। </li> | ||
<li>पं.आशाधर (ई. | <li>पं.आशाधर (ई. 1173-1243) द्वारा रचित नित्यमहोद्योत। </li> | ||
<li> आ. पद्मनन्दि (ई. | <li> आ. पद्मनन्दि (ई.1280-1330) कृत कलिकुण्डपार्श्वनाथ विधान। </li> | ||
<li> आ. पद्मनन्दि (ई. | <li> आ. पद्मनन्दि (ई. 1280-1330) कृत देवपूजादि। </li> | ||
<li> पं.आशाधर के नित्यमहोद्योतपर आ. श्रुतसागर (ई. | <li> पं.आशाधर के नित्यमहोद्योतपर आ. श्रुतसागर (ई. 1473-1533) कृत महाभिषेक टीका। </li> | ||
<li>कवि देवी दयाल (ई. | <li>कवि देवी दयाल (ई. 1755-1767) द्वारा भाषा में रचित चौबीसी पाठ। </li> | ||
<li>कवि वृन्दावन (ई. | <li>कवि वृन्दावन (ई. 1791-1848) द्वारा भाषा में रचित चौबीसी पाठ। </li> | ||
<li>कवि वृन्दावन (ई. | <li>कवि वृन्दावन (ई. 1791-1848) द्वारा हिन्दी भाषा में रचित समवसरण पूजापाठ। </li> | ||
<li>पं.संतलाल (ई. श. | <li>पं.संतलाल (ई. श. 17-18) द्वारा भाषा छन्दों में रचित सिद्धचक्र विधान, जो श्री जिनसेनाचार्य द्वारा <span class="GRef"> महापुराण </span>में रचित जिन सहस्रनाम के आधार पर लिखा गया है। </li> | ||
<li>पं.संतलाल (ई.श. | <li>पं.संतलाल (ई.श. 17-18) कृत दशलक्षणी अंग। </li> | ||
<li>पं.सदासुख (ई. | <li>पं.सदासुख (ई. 1793-1863) कृत नित्य पूजा। </li> | ||
<li>पं.पन्नालाल (ई. | <li>पं.पन्नालाल (ई. 1793-1863) कृत हिन्दी भाषा में रचित सरस्वती पूजा। </li> | ||
<li>पं.मनरंग लाल (ई. | <li>पं.मनरंग लाल (ई. 1800) द्वारा रचित भाषा छन्द बद्ध चौबीसी पाठ पूजा। </li> | ||
<li>पं. मनरंग लाल (ई. | <li>पं. मनरंग लाल (ई. 1793-1843) द्वारा रचित सप्तऋद्धिपूजा। </li> | ||
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Revision as of 21:43, 5 July 2020
जैन आम्नाय में पूजा विधान आदि सम्बन्धी कई रचनाएँ प्रसिद्ध हैं -
- आचार्य पूज्यपाद (ई.श.5) कृत जैनाभिषेक।
- अभयनन्दि (ई. श. 10-11) कृत श्रेयोविधान।
- आ. अभयनन्दि (ई.श. 10-11) कृत पूजाकल्प।
- आ. इन्द्रनन्दि (ई. श. 10-11) कृत अंकुरारोपण।
- आ. इन्द्रनन्दि (ई. श. 10-11) कृत प्रतिमासंस्कारारोपण।
- आ. इन्द्रनन्दि (ई. श. 10-11) कृत मातृकायन्त्र पूजा।
- आ. इन्द्रनन्दि (ई. श. 10-11) कृत शान्तिचक्रपूजा।
- आ. नयनन्दि (ई. 993-1043) कृत सकल विधि विधान।
- आ. श्रुतसागर (ई. 1487-1533) कृत सिद्धचक्राष्टक पूजा।
- आ. श्रुतसागर (ई. 1487-1533) कृत श्रुतस्कन्धपूजा। (ती./3/400)।
- आचार्य मल्लिषेण (ई. 1128) द्वारा विरचित ज्वालिनी कल्प।
- आ. मल्लिषेण (ई. 1128) द्वारा विरचित पद्मावती कल्प।
- आ. मल्लिषेण (ई. 1128) द्वारा विरचित वज्रपंजर विधान।
- पं.आशाधर (ई. 1173-1243) द्वारा रचित जिनयज्ञ कल्प।
- पं.आशाधर (ई. 1173-1243) द्वारा रचित नित्यमहोद्योत।
- आ. पद्मनन्दि (ई.1280-1330) कृत कलिकुण्डपार्श्वनाथ विधान।
- आ. पद्मनन्दि (ई. 1280-1330) कृत देवपूजादि।
- पं.आशाधर के नित्यमहोद्योतपर आ. श्रुतसागर (ई. 1473-1533) कृत महाभिषेक टीका।
- कवि देवी दयाल (ई. 1755-1767) द्वारा भाषा में रचित चौबीसी पाठ।
- कवि वृन्दावन (ई. 1791-1848) द्वारा भाषा में रचित चौबीसी पाठ।
- कवि वृन्दावन (ई. 1791-1848) द्वारा हिन्दी भाषा में रचित समवसरण पूजापाठ।
- पं.संतलाल (ई. श. 17-18) द्वारा भाषा छन्दों में रचित सिद्धचक्र विधान, जो श्री जिनसेनाचार्य द्वारा महापुराण में रचित जिन सहस्रनाम के आधार पर लिखा गया है।
- पं.संतलाल (ई.श. 17-18) कृत दशलक्षणी अंग।
- पं.सदासुख (ई. 1793-1863) कृत नित्य पूजा।
- पं.पन्नालाल (ई. 1793-1863) कृत हिन्दी भाषा में रचित सरस्वती पूजा।
- पं.मनरंग लाल (ई. 1800) द्वारा रचित भाषा छन्द बद्ध चौबीसी पाठ पूजा।
- पं. मनरंग लाल (ई. 1793-1843) द्वारा रचित सप्तऋद्धिपूजा।