प्रतिग्रहण: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> दाता के नौ पुण्यों (नवधा-भक्तियों) में प्रथम पुण्य (भक्ति) । इसमें साधु को आहार के लिए पड़गाहने की क्रिया होती है । अपरनाम प्रतिग्रह । महापुराण 20. 86-87, हरिवंशपुराण 9.199-200</p> | <p> दाता के नौ पुण्यों (नवधा-भक्तियों) में प्रथम पुण्य (भक्ति) । इसमें साधु को आहार के लिए पड़गाहने की क्रिया होती है । अपरनाम प्रतिग्रह । <span class="GRef"> महापुराण 20. 86-87, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 9.199-200 </span></p> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ | [[ प्रतिग्रह | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ | [[ प्रतिघात | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: प]] | [[Category: प]] |
Revision as of 21:44, 5 July 2020
दाता के नौ पुण्यों (नवधा-भक्तियों) में प्रथम पुण्य (भक्ति) । इसमें साधु को आहार के लिए पड़गाहने की क्रिया होती है । अपरनाम प्रतिग्रह । महापुराण 20. 86-87, हरिवंशपुराण 9.199-200