प्रतिरूपक व्यवहार: Difference between revisions
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Revision as of 21:44, 5 July 2020
अचौर्याणुव्रत का पाँचवाँ अतीचार-कृत्रिम स्वर्णादि एवं वचनों से दूसरों को ठगना । हरिवंशपुराण 58.173