प्रतीच्छना: Difference between revisions
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ध. | ध. 14/5,6,12/9/4 <span class="PrakritText">आइरिएहिं कहिज्जमाणत्थाणं सुणणं पडिच्छणं णाम । </span>= <span class="HindiText">आचार्य जिन अर्थों का कथन कर रहे हों उनका सुनना प्रतीच्छना है ।</span></p> | ||
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Revision as of 21:44, 5 July 2020
ध. 9/4,1,55/262/8 आइरियभडाइएहि परुविज्जमाणत्थावहारणं पडिच्छणा णाम । = आचार्य भट्टारकों द्वारा कहे जाने वाले अर्थ के निश्चय करने का प्रतीच्छना है ।
ध. 14/5,6,12/9/4 आइरिएहिं कहिज्जमाणत्थाणं सुणणं पडिच्छणं णाम । = आचार्य जिन अर्थों का कथन कर रहे हों उनका सुनना प्रतीच्छना है ।