प्रभुत्व शक्ति: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p>स.सा./आ./परि./शक्ति नं. | <p>स.सा./आ./परि./शक्ति नं. 7 <span class="SanskritText">अखण्डितप्रताप- स्वातन्त्र्यशालित्वलक्षणा प्रभुत्वशक्तिः । </span>= <span class="HindiText">जिसका प्रताप अखण्डित है, ऐसा स्वातन्त्र्य से शोभायमानपना जिसका लक्षण है, ऐसी प्रभुत्व शक्ति है । 7।</span><br /> | ||
पं.का./त.प्र./ | पं.का./त.प्र./28<span class="SanskritText"> निर्वर्तितसमस्ताधिकारशक्तिमात्रं प्रभुत्वं ।</span> = <span class="HindiText">प्राप्त किये हुए समस्त (आत्मिक) अधिकारों की शक्ति मात्र रूप प्रभुत्व होता है । </span></p> | ||
[[प्रभु | | <noinclude> | ||
[[ प्रभु | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:प]] | [[ प्रभुशक्ति | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: प]] |
Revision as of 21:44, 5 July 2020
स.सा./आ./परि./शक्ति नं. 7 अखण्डितप्रताप- स्वातन्त्र्यशालित्वलक्षणा प्रभुत्वशक्तिः । = जिसका प्रताप अखण्डित है, ऐसा स्वातन्त्र्य से शोभायमानपना जिसका लक्षण है, ऐसी प्रभुत्व शक्ति है । 7।
पं.का./त.प्र./28 निर्वर्तितसमस्ताधिकारशक्तिमात्रं प्रभुत्वं । = प्राप्त किये हुए समस्त (आत्मिक) अधिकारों की शक्ति मात्र रूप प्रभुत्व होता है ।