प्रयोगक्रिया: Difference between revisions
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<p> साम्परायिक आस्रव की पच्चीस क्रियाओं में असंयमवर्धिनी एक क्रिया । इसमें गमनागमन आदि में प्रवृति बढ़ती है । हरिवंशपुराण 58. 63-65</p> | <p> साम्परायिक आस्रव की पच्चीस क्रियाओं में असंयमवर्धिनी एक क्रिया । इसमें गमनागमन आदि में प्रवृति बढ़ती है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58. 63-65 </span></p> | ||
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Revision as of 21:44, 5 July 2020
साम्परायिक आस्रव की पच्चीस क्रियाओं में असंयमवर्धिनी एक क्रिया । इसमें गमनागमन आदि में प्रवृति बढ़ती है । हरिवंशपुराण 58. 63-65