प्रवरवाद: Difference between revisions
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Revision as of 21:44, 5 July 2020
ध.13/5,5,50/287/8 स्वर्गापवर्गमार्गत्वाद्रत्नत्रयं प्रवरः । स उद्यते निरूप्यते अनेनेति प्रवरवादः । = स्वर्ग और अपवर्ग का मार्ग होने से रत्नत्रय का नाम प्रवर है उसका वाद अर्थात् कथन इसके द्वारा किया जाता है, इसलिए इस आगम का नाम प्रवरवाद है ।