प्रीति: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) प्रीतिकूट नगर के राजा प्रीतिकान्त और उसकी रानी प्रीतिमती की पुत्री । यह सुमाली की भार्या और रत्नश्रया की जननी थी । पद्मपुराण 6.566, 7.133</p> | <p id="1"> (1) प्रीतिकूट नगर के राजा प्रीतिकान्त और उसकी रानी प्रीतिमती की पुत्री । यह सुमाली की भार्या और रत्नश्रया की जननी थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 6.566, 7.133 </span></p> | ||
<p id="2">(2) रावण की रानी । पद्मपुराण 77.9-15</p> | <p id="2">(2) रावण की रानी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 77.9-15 </span></p> | ||
<p id="3">(3) समवसरण की एक वापिका । इसकी पूजा से प्रीति मिलती है । हरिवंशपुराण 57.36</p> | <p id="3">(3) समवसरण की एक वापिका । इसकी पूजा से प्रीति मिलती है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 57.36 </span></p> | ||
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Revision as of 21:44, 5 July 2020
(1) प्रीतिकूट नगर के राजा प्रीतिकान्त और उसकी रानी प्रीतिमती की पुत्री । यह सुमाली की भार्या और रत्नश्रया की जननी थी । पद्मपुराण 6.566, 7.133
(2) रावण की रानी । पद्मपुराण 77.9-15
(3) समवसरण की एक वापिका । इसकी पूजा से प्रीति मिलती है । हरिवंशपुराण 57.36