प्रीतिंकरा: Difference between revisions
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<p> गांधार देश में विंध्यपुर नगर के निवासी वणिक् सुदत्त की भार्या । इसी नगरी के राजकुमार नलिनकेतु ने कामासक्त होकर इसका अपहरण किया था जिससे उसका पति विरक्त होकर दीक्षित हो गया । इसे भी विरक्ति हुई और इसने आर्यिका सुव्रता से दीक्षा ले ली । मरकर यह ऐशान स्वर्ग में देवी हुई । महापुराण 63.99-100 </p> | <p> गांधार देश में विंध्यपुर नगर के निवासी वणिक् सुदत्त की भार्या । इसी नगरी के राजकुमार नलिनकेतु ने कामासक्त होकर इसका अपहरण किया था जिससे उसका पति विरक्त होकर दीक्षित हो गया । इसे भी विरक्ति हुई और इसने आर्यिका सुव्रता से दीक्षा ले ली । मरकर यह ऐशान स्वर्ग में देवी हुई । <span class="GRef"> महापुराण 63.99-100 </span></p> | ||
Revision as of 21:44, 5 July 2020
गांधार देश में विंध्यपुर नगर के निवासी वणिक् सुदत्त की भार्या । इसी नगरी के राजकुमार नलिनकेतु ने कामासक्त होकर इसका अपहरण किया था जिससे उसका पति विरक्त होकर दीक्षित हो गया । इसे भी विरक्ति हुई और इसने आर्यिका सुव्रता से दीक्षा ले ली । मरकर यह ऐशान स्वर्ग में देवी हुई । महापुराण 63.99-100