बाह्य: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<ol> | <ol> | ||
<li> स.सि. / | <li> स.सि. /9/19/439/3 <span class="SanskritText">बाह्यद्रव्यापेक्षत्वात्परप्रत्याक्षत्वाच्च बाह्यत्वम् । </span>= <span class="HindiText">बाह्य द्रव्य के आलम्बन से होता है, और दूसरों के देखने में आता है, इसलिए इसे बाह्य (तप) कहते हैं । </span></li> | ||
<li class="HindiText"> परमार्थ बाह्य - देखें | <li class="HindiText"> परमार्थ बाह्य - देखें [[ परमार्थ ]]।</li> | ||
</ol> | </ol> | ||
[[बाहुल्य | | <noinclude> | ||
[[ बाहुल्य | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:ब]] | [[ बाह्य उपकरण इन्द्रिय | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: ब]] |
Revision as of 21:44, 5 July 2020
- स.सि. /9/19/439/3 बाह्यद्रव्यापेक्षत्वात्परप्रत्याक्षत्वाच्च बाह्यत्वम् । = बाह्य द्रव्य के आलम्बन से होता है, और दूसरों के देखने में आता है, इसलिए इसे बाह्य (तप) कहते हैं ।
- परमार्थ बाह्य - देखें परमार्थ ।