बुद्धिषेणा: Difference between revisions
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<p> साकेतपुर निवासिनी एक गणिका । यह प्रीतिंकर मुनि की भक्त थी । इसका दूसरा नाम बुद्धिसेना था । मुनि विचित्रमति इस वेश्या की प्राप्ति के लिए मुनिपद त्याग कर राजा गन्धमित्र का रसोइया बन गया था । महापुराण 59.258-267, हरिवंशपुराण 27.97-104 </p> | <p> साकेतपुर निवासिनी एक गणिका । यह प्रीतिंकर मुनि की भक्त थी । इसका दूसरा नाम बुद्धिसेना था । मुनि विचित्रमति इस वेश्या की प्राप्ति के लिए मुनिपद त्याग कर राजा गन्धमित्र का रसोइया बन गया था । <span class="GRef"> महापुराण 59.258-267, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 27.97-104 </span></p> | ||
Revision as of 21:44, 5 July 2020
साकेतपुर निवासिनी एक गणिका । यह प्रीतिंकर मुनि की भक्त थी । इसका दूसरा नाम बुद्धिसेना था । मुनि विचित्रमति इस वेश्या की प्राप्ति के लिए मुनिपद त्याग कर राजा गन्धमित्र का रसोइया बन गया था । महापुराण 59.258-267, हरिवंशपुराण 27.97-104