बोधि: Difference between revisions
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<p> रत्नत्रय-सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चारित्र । <span class="GRef"> महापुराण 39. 85-86, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 3.190 </span></p> | |||
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Revision as of 21:44, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से ==
प.प्र. /टी./1/9/16/9 सम्यग्दर्शनज्ञानचारित्राणामप्राप्ताप्रापणं बोधिः । = सम्यग्दर्शन, ज्ञान, चारित्र की प्राप्ति नहीं होती और इनका पाना ही बोधि है । (द्र. सं./टी./35/144/9) ।
पुराणकोष से
रत्नत्रय-सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चारित्र । महापुराण 39. 85-86, हरिवंशपुराण 3.190