भूत: Difference between revisions
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ध./ | ध./13/5,5,50/286/2 <span class="SanskritText">अभूत इति भूतम्।</span> = <span class="HindiText">श्रुत अतीतकाल में था इसलिए इसकी भूत संज्ञा है।</span></li> | ||
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ति.प./ | ति.प./6/46 <span class="PrakritGatha">भूदा इमे सरूवा पडिरूवा भूदउत्तमा होंति। पडिभूदमहाभूदा पडिछण्णकासभूदत्ति।46।</span> = <span class="HindiText">स्वरूप, प्रतिरूप, भूतोत्तम, प्रतिभूत, महाभूत,प्रतिच्छन्न और आकाशभूत, इस प्रकार ये सात भेद भूतों के हैं। (त्रि.सा./269)।</span></li> | ||
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<li class="HindiText"> भूत देवों के | <li class="HindiText"> भूत देवों के इन्द्र के वैभव व अवस्थानादि–देखें [[ व्यन्तर ]]। <br /> | ||
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<li class="HindiText"> भूत शरीरमें प्रवेश कर जाते हैं।–देखें | <li class="HindiText"> भूत शरीरमें प्रवेश कर जाते हैं।–देखें [[ व्यन्तर ]]। <br /> | ||
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<li class="HindiText"> मृत शरीरका खड़ा होना, भागना आदि–सल्लेखना/ | <li class="HindiText"> मृत शरीरका खड़ा होना, भागना आदि–सल्लेखना/6/1। </li> | ||
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Revision as of 21:45, 5 July 2020
- प्राणी सामान्य
स. सि./6/12/330/11 तासु तासु गतिषु कर्मोदयवशाद् भवन्तीति भूतानि प्राणिन इत्यर्थः। = जो कर्मोदयके कारण विविध गतियों में होते हैं, वे भूत कहलाते हैं। भूत यह प्राणीका पर्यायवाची शब्द है। (रा.वा./6/12/1/522/12) (गो.क./जी.प्र./801/180/1)।
ध./13/5,5,50/286/2 अभूत इति भूतम्। = श्रुत अतीतकाल में था इसलिए इसकी भूत संज्ञा है। - व्यन्तर देव विशेष
ति.प./6/46 भूदा इमे सरूवा पडिरूवा भूदउत्तमा होंति। पडिभूदमहाभूदा पडिछण्णकासभूदत्ति।46। = स्वरूप, प्रतिरूप, भूतोत्तम, प्रतिभूत, महाभूत,प्रतिच्छन्न और आकाशभूत, इस प्रकार ये सात भेद भूतों के हैं। (त्रि.सा./269)।
- अन्य सम्बन्धित विषय