मनसाहार: Difference between revisions
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<p> देवों की आहारविधि देवों को आहार की इच्छा होते ही उनके कण्ठ में अमृत झरने लगता है, जिससे उनकी क्षुधा शान्त हो जाती है । देवों का ऐसा आहार मनसाहार कहलाता है । महापुराण 61.11</p> | <p> देवों की आहारविधि देवों को आहार की इच्छा होते ही उनके कण्ठ में अमृत झरने लगता है, जिससे उनकी क्षुधा शान्त हो जाती है । देवों का ऐसा आहार मनसाहार कहलाता है । <span class="GRef"> महापुराण 61.11 </span></p> | ||
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Revision as of 21:45, 5 July 2020
देवों की आहारविधि देवों को आहार की इच्छा होते ही उनके कण्ठ में अमृत झरने लगता है, जिससे उनकी क्षुधा शान्त हो जाती है । देवों का ऐसा आहार मनसाहार कहलाता है । महापुराण 61.11