महिमा: Difference between revisions
From जैनकोष
mNo edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
| == सिद्धांतकोष से == | ||
<li> | <ol> | ||
<li> भरत क्षेत्र पश्चिम | <li> आन्ध्रदेश के अन्तर्गत वेणा नदी के किनारे पर स्थित एक प्राचीन नगर। आज वेण्या नाम की नदी बम्बई प्रान्त के सितारा जिले में है और उसी जिले में महिमानगढ़ नाम का एक गाँव भी है। सम्भवत: यह महिमानगढ़ ही वह प्राचीन महिमा नगरी है, जहाँ कि अर्हद्बलि आचार्य ने यति-सम्मेलन किया था और जहाँ से कि धरसेन आचार्य के पत्र के अनुसार पुष्पदन्त व भूतबली नाम के दो साधु उनकी सेवा में गिरनार भेजे गये थे। इसका अपर नाम पुण्ड्रवर्धन भी है। (ध.1/प्र.31/H.L.Jain)। </li> | ||
<li> एक विक्रिया | <li> भरत क्षेत्र पश्चिम आर्यखण्ड का एक देश–देखें [[ मनुष्य#4 | मनुष्य - 4]]। </li> | ||
</ol | <li> एक विक्रिया ऋद्धि–देखें [[ ऋद्धि#3 | ऋद्धि - 3]]। </li> | ||
</ol> | |||
<noinclude> | |||
[[ | [[ महिम | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[Category:म]] | [[ महिष | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: म]] | |||
== पुराणकोष से == | |||
<p> चक्रवर्ती भरत को प्राप्त आठ असाधारण गुणों में दूसरा गुण । <span class="GRef"> महापुराण 38. 193 </span>देखें [[ अणिमा ]]</p> | |||
<noinclude> | |||
[[ महिम | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ महिष | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: पुराण-कोष]] | |||
[[Category: म]] |
Revision as of 21:45, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से ==
- आन्ध्रदेश के अन्तर्गत वेणा नदी के किनारे पर स्थित एक प्राचीन नगर। आज वेण्या नाम की नदी बम्बई प्रान्त के सितारा जिले में है और उसी जिले में महिमानगढ़ नाम का एक गाँव भी है। सम्भवत: यह महिमानगढ़ ही वह प्राचीन महिमा नगरी है, जहाँ कि अर्हद्बलि आचार्य ने यति-सम्मेलन किया था और जहाँ से कि धरसेन आचार्य के पत्र के अनुसार पुष्पदन्त व भूतबली नाम के दो साधु उनकी सेवा में गिरनार भेजे गये थे। इसका अपर नाम पुण्ड्रवर्धन भी है। (ध.1/प्र.31/H.L.Jain)।
- भरत क्षेत्र पश्चिम आर्यखण्ड का एक देश–देखें मनुष्य - 4।
- एक विक्रिया ऋद्धि–देखें ऋद्धि - 3।
पुराणकोष से
चक्रवर्ती भरत को प्राप्त आठ असाधारण गुणों में दूसरा गुण । महापुराण 38. 193 देखें अणिमा