मिथ्यादर्शन: Difference between revisions
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<p> संसार भ्रमण का कारण । इससे युक्त जीव तिर्यञ्च और नरकगति के दुःखों को भोगते हैं । पद्मपुराण 2. 197, 6. 280 देखें [[ मिथ्यात्व ]]</p> | <p> संसार भ्रमण का कारण । इससे युक्त जीव तिर्यञ्च और नरकगति के दुःखों को भोगते हैं । <span class="GRef"> पद्मपुराण 2. 197, 6. 280 </span>देखें [[ मिथ्यात्व ]]</p> | ||
Revision as of 21:45, 5 July 2020
संसार भ्रमण का कारण । इससे युक्त जीव तिर्यञ्च और नरकगति के दुःखों को भोगते हैं । पद्मपुराण 2. 197, 6. 280 देखें मिथ्यात्व