मुकुट: Difference between revisions
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<p> सिर का एक दैदीप्यमान आभूषण । यह मस्तक पर उसकी शोभा हेतु धारण किया जाता है । भोग-भूमियों में यह भूषणांग जाति के कल्पवृक्षों से प्राप्त हो जाता था । प्राचीन काल में इसका बड़ा महत्त्व था । राजा, महाराजा तथा विद्याधर इसे धारण करते थे । महापुराण 3.91, 130, 154, 5.4, 9.41, 10. 126, 15.5, 16. 234</p> | <p> सिर का एक दैदीप्यमान आभूषण । यह मस्तक पर उसकी शोभा हेतु धारण किया जाता है । भोग-भूमियों में यह भूषणांग जाति के कल्पवृक्षों से प्राप्त हो जाता था । प्राचीन काल में इसका बड़ा महत्त्व था । राजा, महाराजा तथा विद्याधर इसे धारण करते थे । <span class="GRef"> महापुराण 3.91, 130, 154, 5.4, 9.41, 10. 126, 15.5, 16. 234 </span></p> | ||
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Revision as of 21:45, 5 July 2020
सिर का एक दैदीप्यमान आभूषण । यह मस्तक पर उसकी शोभा हेतु धारण किया जाता है । भोग-भूमियों में यह भूषणांग जाति के कल्पवृक्षों से प्राप्त हो जाता था । प्राचीन काल में इसका बड़ा महत्त्व था । राजा, महाराजा तथा विद्याधर इसे धारण करते थे । महापुराण 3.91, 130, 154, 5.4, 9.41, 10. 126, 15.5, 16. 234