मौखर्य: Difference between revisions
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Revision as of 21:46, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से ==
स. सि./7/32/370/1 धाष्टर्यप्रायं यत्किंचनानर्थकं बहुप्रलापित्वं मौखर्यम्। = धीठता को लिये हुए निःसार कुछ भी बहुत बकवास करना मौखर्य है। (रा. वा./7/32/3/556/20)।
पुराणकोष से
अनर्थदण्डव्रत का तीसरा अतिचार-हास्यमिश्रित वचन बोलना । हरिवंशपुराण 18.179