यशोधरा: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) रूचकपर्वत के विमलकूट की एक दिक्कुमारी देवी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.709 </span></p> | |||
<p id="2">(2) पूर्णभद्र का जीव । अलका नगरी के राजा सुदर्शन और रानी श्रीधरा की पुत्री । यह विजयार्ध की उत्तरश्रेणी में प्रभाकरपुर के राजा सूर्यावर्त्त के साथ विवाही गयी थी । रश्मिवेग इसका पुत्र था । इसने अपनी माँ के साथ गुणवती आर्यिका से दीक्षा ले ली थी । अन्त में इसका पति और पुत्र दोनों दीक्षित हो गये थे । <span class="GRef"> महापुराण 59.230, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 27.79-83 </span></p> | |||
<p id="3">(3) जम्बूद्वीप के सुकच्छ देश में स्थित विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी के शुक्रप्रभनगर के राजा इन्द्रदत्त विद्याधर की रानी । यह वायुवेग विद्याधर की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 63. 91-92 </span></p> | |||
<p id="4">(4) पुष्कलावती देश की पुण्डरीकिणी नगरी के राजा वज्रदन्त की रानी । यह सागरदत्त की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 76.139-142 </span></p> | |||
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Revision as of 21:46, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से == रुचक पर्वत निवासिनी दिक्कुमारी देवी - देखें लोक - 5.13।
पुराणकोष से
(1) रूचकपर्वत के विमलकूट की एक दिक्कुमारी देवी । हरिवंशपुराण 5.709
(2) पूर्णभद्र का जीव । अलका नगरी के राजा सुदर्शन और रानी श्रीधरा की पुत्री । यह विजयार्ध की उत्तरश्रेणी में प्रभाकरपुर के राजा सूर्यावर्त्त के साथ विवाही गयी थी । रश्मिवेग इसका पुत्र था । इसने अपनी माँ के साथ गुणवती आर्यिका से दीक्षा ले ली थी । अन्त में इसका पति और पुत्र दोनों दीक्षित हो गये थे । महापुराण 59.230, हरिवंशपुराण 27.79-83
(3) जम्बूद्वीप के सुकच्छ देश में स्थित विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी के शुक्रप्रभनगर के राजा इन्द्रदत्त विद्याधर की रानी । यह वायुवेग विद्याधर की जननी थी । महापुराण 63. 91-92
(4) पुष्कलावती देश की पुण्डरीकिणी नगरी के राजा वज्रदन्त की रानी । यह सागरदत्त की जननी थी । महापुराण 76.139-142