रूपानुपात: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p>स. सि./ | == सिद्धांतकोष से == | ||
रा. वा./ | <p>स. सि./7/31/369/11 <span class="SanskritText">स्वविग्रहदर्शनं रूपानुपातः।</span> = <span class="HindiText">(देशव्रत के अतिचारों के अन्तर्गत) उन्हीं पुरुषों की (जो उद्योग में जुटे हैं) अपने शरीर को दिखलना रूपानुपात है।</span><br> | ||
रा. वा./7/31/4/556/8 <span class="SanskritText">मम रूपं निरीक्ष्य व्यापारमचिरान्निष्पादयन्ति इति स्वविग्रहप्ररूपणं रूपानुपात इति निर्णीयते। </span>= <span class="HindiText">‘मुझे देखकर काम जल्दी होगा’ इस अभिप्राय से अपने शरीर को दिखाना रूपानुपात है। (चा. सा./16/2)। </span></p> | |||
<noinclude> | |||
[[ | [[ रूपानन्द | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[Category:र]] | [[ रूपिणी | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: र]] | |||
== पुराणकोष से == | |||
<p> देशव्रत का पाँचवाँ अतिचार- मर्यादा के बाहर काम करने वालों को निजरूप दिखाकर सचेत करना । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.178 </span></p> | |||
<noinclude> | |||
[[ रूपानन्द | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ रूपिणी | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: पुराण-कोष]] | |||
[[Category: र]] |
Revision as of 21:46, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से ==
स. सि./7/31/369/11 स्वविग्रहदर्शनं रूपानुपातः। = (देशव्रत के अतिचारों के अन्तर्गत) उन्हीं पुरुषों की (जो उद्योग में जुटे हैं) अपने शरीर को दिखलना रूपानुपात है।
रा. वा./7/31/4/556/8 मम रूपं निरीक्ष्य व्यापारमचिरान्निष्पादयन्ति इति स्वविग्रहप्ररूपणं रूपानुपात इति निर्णीयते। = ‘मुझे देखकर काम जल्दी होगा’ इस अभिप्राय से अपने शरीर को दिखाना रूपानुपात है। (चा. सा./16/2)।
पुराणकोष से
देशव्रत का पाँचवाँ अतिचार- मर्यादा के बाहर काम करने वालों को निजरूप दिखाकर सचेत करना । हरिवंशपुराण 58.178