लंकासुंदरी: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> लंका के सुरक्षाधिकारी वज्रमुख की पुत्री । हनुमान ने युद्ध में इसके पिता को मार डाला था । पितृ-वध से कुपित होकर इसने प्रथम तो हनुमान से युद्ध किया किन्तु बाद में कामवाणों से हनुमान के हृदय में प्रवेश कर गई । इसने हनुमान को मारने के लिए उठाई शक्ति संहत कर ली थी । मुग्ध होकर इसने स्वनामांकित बाण भेजा । हनुमान उसे पढ़कर इसके पास आये और इसके प्रेमपाश में आबद्ध हो गये थे । हनुमान के समझाने से यह पिता के मरण का शोक मूल गयी थी । पद्मपुराण 52. 23-67</p> | <p> लंका के सुरक्षाधिकारी वज्रमुख की पुत्री । हनुमान ने युद्ध में इसके पिता को मार डाला था । पितृ-वध से कुपित होकर इसने प्रथम तो हनुमान से युद्ध किया किन्तु बाद में कामवाणों से हनुमान के हृदय में प्रवेश कर गई । इसने हनुमान को मारने के लिए उठाई शक्ति संहत कर ली थी । मुग्ध होकर इसने स्वनामांकित बाण भेजा । हनुमान उसे पढ़कर इसके पास आये और इसके प्रेमपाश में आबद्ध हो गये थे । हनुमान के समझाने से यह पिता के मरण का शोक मूल गयी थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 52. 23-67 </span></p> | ||
Line 5: | Line 5: | ||
[[ लंकाशोक | पूर्व पृष्ठ ]] | [[ लंकाशोक | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ | [[ लंब संक्षेत्र | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: ल]] | [[Category: ल]] |
Revision as of 21:46, 5 July 2020
लंका के सुरक्षाधिकारी वज्रमुख की पुत्री । हनुमान ने युद्ध में इसके पिता को मार डाला था । पितृ-वध से कुपित होकर इसने प्रथम तो हनुमान से युद्ध किया किन्तु बाद में कामवाणों से हनुमान के हृदय में प्रवेश कर गई । इसने हनुमान को मारने के लिए उठाई शक्ति संहत कर ली थी । मुग्ध होकर इसने स्वनामांकित बाण भेजा । हनुमान उसे पढ़कर इसके पास आये और इसके प्रेमपाश में आबद्ध हो गये थे । हनुमान के समझाने से यह पिता के मरण का शोक मूल गयी थी । पद्मपुराण 52. 23-67