वसुमित्र: Difference between revisions
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मगध देश की राज्य वंशावली के अनुसार यह शक जाति का एक सरदार था, जिसने मौर्यकाल में ही मगध देश के किसी एक भाग पर अपना अधिकार जमा रखा था। अपरनाम बलमित्र था और अग्निमित्र का समकालीन था। समय - वी.नि.285-345 (ई.पू.246-181) - देखें [[ इतिहास#3.4 | इतिहास - 3.4]]। | |||
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<p id="2">(2) कृष्ण की पटरानी जाम्बवती के पूर्वभव का पति वीतशोकनगर के दमन वैश्य और उसकी स्त्री देवमति की पुत्री देविला की पर्याय में जाम्बवती का इससे विवाह हुआ था । यह विवाह के पश्चात् कुछ ही वर्ष जीवित रहा । इसके मर जाने से देविला ने व्रत ग्रहण कर लिये थे । <span class="GRef"> महापुराण 71.360-361 </span>देखें [[ देविका#2 | देविका - 2]]</p> | |||
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Revision as of 21:47, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से == मगध देश की राज्य वंशावली के अनुसार यह शक जाति का एक सरदार था, जिसने मौर्यकाल में ही मगध देश के किसी एक भाग पर अपना अधिकार जमा रखा था। अपरनाम बलमित्र था और अग्निमित्र का समकालीन था। समय - वी.नि.285-345 (ई.पू.246-181) - देखें इतिहास - 3.4।
पुराणकोष से
(1) तीर्थंकर वृषभदेव के छत्तीसवें गणधर । हरिवंशपुराण 12.61
(2) कृष्ण की पटरानी जाम्बवती के पूर्वभव का पति वीतशोकनगर के दमन वैश्य और उसकी स्त्री देवमति की पुत्री देविला की पर्याय में जाम्बवती का इससे विवाह हुआ था । यह विवाह के पश्चात् कुछ ही वर्ष जीवित रहा । इसके मर जाने से देविला ने व्रत ग्रहण कर लिये थे । महापुराण 71.360-361 देखें देविका - 2