वह्नि: Difference between revisions
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<p id="2">(2) वृषभदेव का अनुकरण करके उनके पथ से च्युत हुए साधुओं में एक साधु । यह अज्ञानवश वल्कलधारी तापस हो गया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 4.126 </span></p> | |||
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Revision as of 21:47, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से == 1. अग्नि सम्बन्धी विषय - देखें अग्नि । लौकान्तिक देवों का एक भेद - देखें लौकान्तिक ।
पुराणकोष से
(1) ब्रह्मलोक-निवासी, देवोत्तम, शुभलेश्या वाले, सौम्य एवं महाऋद्धिधारी लोकान्तिक देव । महापुराण 17.47-50, वीरवर्द्धमान चरित्र 12. 2-8
(2) वृषभदेव का अनुकरण करके उनके पथ से च्युत हुए साधुओं में एक साधु । यह अज्ञानवश वल्कलधारी तापस हो गया था । पद्मपुराण 4.126