वाकुस: Difference between revisions
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<p>भ.आ./वि./ | <p>भ.आ./वि./609/807/9 <span class="SanskritText">गिहिमत्तणिसेज्जवाकुसे लिंगो। गृहस्थानां भाजनेषु कुम्भकरकशरावादिषु कस्यचिन्निक्षेपणं, तैर्वा कस्यचिदादानं चारित्राचारः। </span>= <span class="HindiText">गिहिमत्तणिसेज्जवाकुसे अर्थात् गृहस्थों के भाजन अर्थात् कुम्भ, घड़ा, करक-कमण्डलु, शराब वगैरह पात्रों में से किसी पात्र में कोई पदार्थ रखे होंगे अथवा किसी को दिये होंगे ये सब चारित्राचार है । </span></p> | ||
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Revision as of 21:47, 5 July 2020
भ.आ./वि./609/807/9 गिहिमत्तणिसेज्जवाकुसे लिंगो। गृहस्थानां भाजनेषु कुम्भकरकशरावादिषु कस्यचिन्निक्षेपणं, तैर्वा कस्यचिदादानं चारित्राचारः। = गिहिमत्तणिसेज्जवाकुसे अर्थात् गृहस्थों के भाजन अर्थात् कुम्भ, घड़ा, करक-कमण्डलु, शराब वगैरह पात्रों में से किसी पात्र में कोई पदार्थ रखे होंगे अथवा किसी को दिये होंगे ये सब चारित्राचार है ।