विद्यानुवान: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> चौदहपूर्वों में दसवां पूर्व । इसका अपर नाम विद्यानुवाद है । इसमें एक करोड़ दस लाख पद है । इन पदों में अंगुष्ठ, प्रसेन आदि सात सौ लघु विद्याएं और रोहिणी आदि पांच सौ महाविद्याओं का वर्णन है । हरिवंशपुराण 2.99, 10.113-114</p> | <p> चौदहपूर्वों में दसवां पूर्व । इसका अपर नाम विद्यानुवाद है । इसमें एक करोड़ दस लाख पद है । इन पदों में अंगुष्ठ, प्रसेन आदि सात सौ लघु विद्याएं और रोहिणी आदि पांच सौ महाविद्याओं का वर्णन है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.99, 10.113-114 </span></p> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ | [[ विद्यानुवाद | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ विद्यामन्दिर | अगला पृष्ठ ]] | [[ विद्यामन्दिर | अगला पृष्ठ ]] |
Revision as of 21:47, 5 July 2020
चौदहपूर्वों में दसवां पूर्व । इसका अपर नाम विद्यानुवाद है । इसमें एक करोड़ दस लाख पद है । इन पदों में अंगुष्ठ, प्रसेन आदि सात सौ लघु विद्याएं और रोहिणी आदि पांच सौ महाविद्याओं का वर्णन है । हरिवंशपुराण 2.99, 10.113-114