विशेषावश्यक भाष्य: Difference between revisions
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आचार्य जिनभद्र गणी क्षमाश्रमण द्वारा रचित यह एक विशालकाय सिद्धान्त विषयक श्वेताम्बर ग्रन्थ है । ग्रन्थ समाप्ति में इसका समाप्ति काल वि.666 बताया गया है । परन्तु पण्डित सुखलाल जी के अनुसार यह इसका लेखन काल है । ग्रन्थ का रचना काल उससे पूर्व लगभग वि.650 में स्थापित किया जा सकता है । (जै./2/331) । <br /> | |||
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श्वेताम्बर आम्नाय का प्राकृत गाथाबद्ध यह विशालकाय ग्रन्थ क्षमाश्रमण जिनभद्र गणी ने वि.स.650 (ई.593) में पूरा किया था। (देखें [[ परिशिष्ट ]])। | |||
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Revision as of 21:47, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से ==
आचार्य जिनभद्र गणी क्षमाश्रमण द्वारा रचित यह एक विशालकाय सिद्धान्त विषयक श्वेताम्बर ग्रन्थ है । ग्रन्थ समाप्ति में इसका समाप्ति काल वि.666 बताया गया है । परन्तु पण्डित सुखलाल जी के अनुसार यह इसका लेखन काल है । ग्रन्थ का रचना काल उससे पूर्व लगभग वि.650 में स्थापित किया जा सकता है । (जै./2/331) ।
पुराणकोष से
श्वेताम्बर आम्नाय का प्राकृत गाथाबद्ध यह विशालकाय ग्रन्थ क्षमाश्रमण जिनभद्र गणी ने वि.स.650 (ई.593) में पूरा किया था। (देखें परिशिष्ट )।