विश्वक्सेन: Difference between revisions
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<p> विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में जम्बुपुर नगर के राजा जाम्बव-विद्याधर और रानी-शिवचन्द्रा का पुत्र । जाम्बवती इसकी बहिन थी जिसका कृष्ण के द्वारा हरण किये जाने पर इसके पिता ने अनावृष्टि-योद्धा का सामना किया । युद्ध में पकड़े जाने पर उत्पन्न वैराग्य वश वह इसको कृष्ण के अधीन कर तप के लिए वन चला गया था । कृष्ण सम्मान पूर्वक इसे द्वारिका लाये थे । हरिवंशपुराण 44.4-16 </p> | <p> विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में जम्बुपुर नगर के राजा जाम्बव-विद्याधर और रानी-शिवचन्द्रा का पुत्र । जाम्बवती इसकी बहिन थी जिसका कृष्ण के द्वारा हरण किये जाने पर इसके पिता ने अनावृष्टि-योद्धा का सामना किया । युद्ध में पकड़े जाने पर उत्पन्न वैराग्य वश वह इसको कृष्ण के अधीन कर तप के लिए वन चला गया था । कृष्ण सम्मान पूर्वक इसे द्वारिका लाये थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 44.4-16 </span></p> | ||
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Revision as of 21:47, 5 July 2020
विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में जम्बुपुर नगर के राजा जाम्बव-विद्याधर और रानी-शिवचन्द्रा का पुत्र । जाम्बवती इसकी बहिन थी जिसका कृष्ण के द्वारा हरण किये जाने पर इसके पिता ने अनावृष्टि-योद्धा का सामना किया । युद्ध में पकड़े जाने पर उत्पन्न वैराग्य वश वह इसको कृष्ण के अधीन कर तप के लिए वन चला गया था । कृष्ण सम्मान पूर्वक इसे द्वारिका लाये थे । हरिवंशपुराण 44.4-16