विश्वप्रवेशिनी: Difference between revisions
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<p> कुल और जाति में उत्पन्न विद्या । यह विद्याघरों के पास होती है । अर्ककीर्ति के पुत्र अमिततेज ने यह विद्या सिद्ध की थी । महापुराण 62.387-391</p> | <p> कुल और जाति में उत्पन्न विद्या । यह विद्याघरों के पास होती है । अर्ककीर्ति के पुत्र अमिततेज ने यह विद्या सिद्ध की थी । <span class="GRef"> महापुराण 62.387-391 </span></p> | ||
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Revision as of 21:47, 5 July 2020
कुल और जाति में उत्पन्न विद्या । यह विद्याघरों के पास होती है । अर्ककीर्ति के पुत्र अमिततेज ने यह विद्या सिद्ध की थी । महापुराण 62.387-391