विष: Difference between revisions
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<p> एक प्रकार के मेघ । अवसर्पिणी काल के अन्त में सरस, विरस, तीक्ष्ण, रूक्ष, उष्ण और विष नाम के मेघ क्रमश: सात-सात दिन तक सारे पानी की बरसा करते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 76.452-453 </span></p> | |||
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Revision as of 21:47, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से ==
- विष वाणिज्य कर्म–देखें सावद्य - 5।
- निर्विष ऋद्धि–देखें ऋद्धि - 1।
पुराणकोष से
एक प्रकार के मेघ । अवसर्पिणी काल के अन्त में सरस, विरस, तीक्ष्ण, रूक्ष, उष्ण और विष नाम के मेघ क्रमश: सात-सात दिन तक सारे पानी की बरसा करते हैं । महापुराण 76.452-453