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Revision as of 21:47, 5 July 2020
भरतक्षेत्र के आर्यखण्ड एक पर्वत । दिग्विजय के समय भरतेश की सेना ने इसे पार किया था । यह राजगृह नगर के पांच पर्वतों में दूसरा पर्वत है । इसका आकार राजगृह-नगर के दक्षिण में त्रिकोण है । तीर्थंकर महावीर का यहाँ समवसरण आया था । महापुराण 29.46, 63.140, हरिवंशपुराण 3.54, 181.32, पांडवपुराण 1. 98