शल्लकी: Difference between revisions
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<p> जम्बूद्वीप के निकुंज पर्वत की एक अटवी-वन । मुनि मृदुमति का जीव स्वर्ग से चयकर मायाशल्य के कारण इसी अटवी में त्रिलोककंटक नाम का हाथी हुआ था । पद्मपुराण 85. 147-163</p> | <p> जम्बूद्वीप के निकुंज पर्वत की एक अटवी-वन । मुनि मृदुमति का जीव स्वर्ग से चयकर मायाशल्य के कारण इसी अटवी में त्रिलोककंटक नाम का हाथी हुआ था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 85. 147-163 </span></p> | ||
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Revision as of 21:48, 5 July 2020
जम्बूद्वीप के निकुंज पर्वत की एक अटवी-वन । मुनि मृदुमति का जीव स्वर्ग से चयकर मायाशल्य के कारण इसी अटवी में त्रिलोककंटक नाम का हाथी हुआ था । पद्मपुराण 85. 147-163