शीलायुध: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) राजा वसुदेव तथा रानी प्रियंगुसुन्दरी का पुत्र । हरिवंशपुराण 48.62</p> | <p id="1"> (1) राजा वसुदेव तथा रानी प्रियंगुसुन्दरी का पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48.62 </span></p> | ||
<p id="2">(2) श्रावस्ती का राजा । तापसी चारुमती की कन्या ऋषिदत्ता इसकी रानी थी । उसका प्रसूति के बाद स्वर्गवास हो गया था । ऋषिदत्ता से उत्पन्न इसके पुत्र का नाम एणीपुत्र था । इस पुत्र को राज्य देकर यह मुनि धर्म का पालन करते हुए मरा और मरकर स्वर्ग में उत्पन्न हुआ । हरिवंशपुराण 29.53, 25-57</p> | <p id="2">(2) श्रावस्ती का राजा । तापसी चारुमती की कन्या ऋषिदत्ता इसकी रानी थी । उसका प्रसूति के बाद स्वर्गवास हो गया था । ऋषिदत्ता से उत्पन्न इसके पुत्र का नाम एणीपुत्र था । इस पुत्र को राज्य देकर यह मुनि धर्म का पालन करते हुए मरा और मरकर स्वर्ग में उत्पन्न हुआ । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 29.53, 25-57 </span></p> | ||
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Revision as of 21:48, 5 July 2020
(1) राजा वसुदेव तथा रानी प्रियंगुसुन्दरी का पुत्र । हरिवंशपुराण 48.62
(2) श्रावस्ती का राजा । तापसी चारुमती की कन्या ऋषिदत्ता इसकी रानी थी । उसका प्रसूति के बाद स्वर्गवास हो गया था । ऋषिदत्ता से उत्पन्न इसके पुत्र का नाम एणीपुत्र था । इस पुत्र को राज्य देकर यह मुनि धर्म का पालन करते हुए मरा और मरकर स्वर्ग में उत्पन्न हुआ । हरिवंशपुराण 29.53, 25-57