श्यामा: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p id="1"> (1) विजयार्ध पर्वत के कुंजरावर्त नगर के राजा विद्याधर अशनिवेग की पुत्री । यह वसुदेव से विवाही गयी थी । इसकी माँ सुप्रभा थी । अंगारक के द्वारा वसुदेव का हरण किये जाने पर इसने अंगारक से युद्ध किया था । इसमें अंगारक की पराजय हुई । फलस्वरूप अंगारक ने वसुदेव को मुक्त कर दिया था । हरिवंशपुराण 19.68, 75, 83, 101-111</p> | <p id="1"> (1) विजयार्ध पर्वत के कुंजरावर्त नगर के राजा विद्याधर अशनिवेग की पुत्री । यह वसुदेव से विवाही गयी थी । इसकी माँ सुप्रभा थी । अंगारक के द्वारा वसुदेव का हरण किये जाने पर इसने अंगारक से युद्ध किया था । इसमें अंगारक की पराजय हुई । फलस्वरूप अंगारक ने वसुदेव को मुक्त कर दिया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 19.68, 75, 83, 101-111 </span></p> | ||
<p id="2">(2) एक लता । यह तपस्या काल में बाहुबली के शरीर से लिपट गयी थी । पद्मपुराण 4.76</p> | <p id="2">(2) एक लता । यह तपस्या काल में बाहुबली के शरीर से लिपट गयी थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 4.76 </span></p> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ | [[ श्यामवर | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ श्यामाक | अगला पृष्ठ ]] | [[ श्यामाक | अगला पृष्ठ ]] |
Revision as of 21:48, 5 July 2020
(1) विजयार्ध पर्वत के कुंजरावर्त नगर के राजा विद्याधर अशनिवेग की पुत्री । यह वसुदेव से विवाही गयी थी । इसकी माँ सुप्रभा थी । अंगारक के द्वारा वसुदेव का हरण किये जाने पर इसने अंगारक से युद्ध किया था । इसमें अंगारक की पराजय हुई । फलस्वरूप अंगारक ने वसुदेव को मुक्त कर दिया था । हरिवंशपुराण 19.68, 75, 83, 101-111
(2) एक लता । यह तपस्या काल में बाहुबली के शरीर से लिपट गयी थी । पद्मपुराण 4.76