श्रीमती: Difference between revisions
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<p id="1">(1) राजा सर्वार्थ की रानी । यह सिद्धार्थ की जननी (भगवान् महावीर की दादी) थी । हरिवंशपुराण 2. 13</p> | <p id="1">(1) राजा सर्वार्थ की रानी । यह सिद्धार्थ की जननी (भगवान् महावीर की दादी) थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2. 13 </span></p> | ||
<p id="2">(2) राजा श्रेयांस के पूर्व भव का जीव पूर्वभव में यह राजा वज्रजंघ की रानी थी । हरिवंशपुराण 9. 183</p> | <p id="2">(2) राजा श्रेयांस के पूर्व भव का जीव पूर्वभव में यह राजा वज्रजंघ की रानी थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 9. 183 </span></p> | ||
<p>( 3) भरतक्षेत्र में जयन्तनगर के राजा श्रीधर की रानी । यह विमलश्री की जननी थी । महापुराण 71. 453, हरिवंशपुराण 60. 117</p> | <p>( 3) भरतक्षेत्र में जयन्तनगर के राजा श्रीधर की रानी । यह विमलश्री की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 71. 453, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60. 117 </span></p> | ||
<p id="4">(4) अरिष्टपुर नगर के राजा स्वर्णनाभ की रानी । कृष्ण की पटरानी | <p id="4">(4) अरिष्टपुर नगर के राजा स्वर्णनाभ की रानी । कृष्ण की पटरानी पद्मावती की यह जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 71. 457, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60. 121 </span></p> | ||
<p id="5">(5) साकेत नगर के राजा अतिबल की रानी । यह हिरण्यवती की माता थी । हरिवंशपुराण 27. 63</p> | <p id="5">(5) साकेत नगर के राजा अतिबल की रानी । यह हिरण्यवती की माता थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 27. 63 </span></p> | ||
<p>( 6) विदर्भ देश में कुण्डिनपुर के राजा भीष्म की रानी । यह कृष्ण की पटरानी रुक्मिणी की जननी थी । महापुराण 71. 341, हरिवंशपुराण 60. 39</p> | <p>( 6) विदर्भ देश में कुण्डिनपुर के राजा भीष्म की रानी । यह कृष्ण की पटरानी रुक्मिणी की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 71. 341, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60. 39 </span></p> | ||
<p id="7">(7) जम्बूद्वीप में भरतक्षेत्र के पुष्कलावती देश की वीतशोका नगरी के राजा अशोक की रानी । कृष्ण की पटरानी सुसीमा के पूर्वभव का जीव श्रीकान्ता की यह जननी थी । हरिवंशपुराण 60.56, 68-69</p> | <p id="7">(7) जम्बूद्वीप में भरतक्षेत्र के पुष्कलावती देश की वीतशोका नगरी के राजा अशोक की रानी । कृष्ण की पटरानी सुसीमा के पूर्वभव का जीव श्रीकान्ता की यह जननी थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60.56, 68-69 </span></p> | ||
<p id="8">(8) कौशाम्बी नगरी के राजा महाबल की रानी । श्रीकान्ता इसकी पुत्री थी । महापुराण 62. 351, पांडवपुराण 4.207</p> | <p id="8">(8) कौशाम्बी नगरी के राजा महाबल की रानी । श्रीकान्ता इसकी पुत्री थी । <span class="GRef"> महापुराण 62. 351, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 4.207 </span></p> | ||
<p id="9">(9) उज्जयिनी नगरी के राजा श्रीधर्मा की रानी । हरिवंशपुराण 20. 3 </p> | <p id="9">(9) उज्जयिनी नगरी के राजा श्रीधर्मा की रानी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 20. 3 </span></p> | ||
<p id="10">(10) गजपुर (हस्तिनापुर) के राजा श्रीचन्द्र की रानी । सुप्रतिष्ठ की यह जननी थी । महापुराण 70. 52, हरिवंशपुराण 34.43</p> | <p id="10">(10) गजपुर (हस्तिनापुर) के राजा श्रीचन्द्र की रानी । सुप्रतिष्ठ की यह जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 70. 52, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 34.43 </span></p> | ||
<p id="11">(11) कुरुवंशी राजा सूर्य की रानी । तीर्थंकर | <p id="11">(11) कुरुवंशी राजा सूर्य की रानी । तीर्थंकर कुन्थुनाथ की यह जननी थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45. 20 </span></p> | ||
<p id="12">(12) एक आर्यिका । | <p id="12">(12) एक आर्यिका । बन्धुयशा की पर्याय में कृष्ण की पटरानी जाम्बवती ने इन्हीं से प्रोषधव्रत धारण किया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60. 48-49 </span></p> | ||
<p id="13">(13) विदेहक्षेत्र में पुण्डरीकिणी नगरी के राजा वज्रदन्त तथा रानी | <p id="13">(13) विदेहक्षेत्र में पुण्डरीकिणी नगरी के राजा वज्रदन्त तथा रानी लक्ष्मीवती की पुत्री । यह बहुत सुन्दर थी । इसका विवाह राजा वज्रदन्त ने अपने भानजे वज्रजंघ के साथ किया था । इसके अट्ठानवें पुत्र थे । आयु के अन्त में केश-संस्कार के लिए जलाई गयी धूप के धुएँ से पति के साथ ही इसका भी मरण हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 6. 58-60, 91, 105, 7. 192-195, 249, 8. 49, 9. 26-27, 33 </span></p> | ||
<p id="14">(14) सुरम्य देश में श्रीपुर नगर के राजा श्रीधर की रानी । यह जयावती की जननी थी । महापुराण 47. 14</p> | <p id="14">(14) सुरम्य देश में श्रीपुर नगर के राजा श्रीधर की रानी । यह जयावती की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 47. 14 </span></p> | ||
<p id="15">(15) सुप्रकारपुर के राजा शम्बर की रानी । कृष्ण की पटरानी लक्ष्मणा की यह जननी थी । महापुराण 71. 409-410</p> | <p id="15">(15) सुप्रकारपुर के राजा शम्बर की रानी । कृष्ण की पटरानी लक्ष्मणा की यह जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 71. 409-410 </span></p> | ||
<p id="16">(16) राजा कुणिक की रानी । अन्य कुणिक के पिता श्रेणिक की यह जननी थी । महापुराण 74. 418, वीरवर्द्धमान चरित्र 19. 135</p> | <p id="16">(16) राजा कुणिक की रानी । अन्य कुणिक के पिता श्रेणिक की यह जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 74. 418, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 19. 135 </span></p> | ||
<p id="17">(17) राजा सत्यंधर के पुरोहित सागर की रानी । यह बुद्धिषेण की जननी थी । महापुराण 75.254-259</p> | <p id="17">(17) राजा सत्यंधर के पुरोहित सागर की रानी । यह बुद्धिषेण की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 75.254-259 </span></p> | ||
<p id="18">(18) विजयार्ध पर्वत की अलका नगरी के राजा हरिबल की दूसरी रानी । हिरण्यवर्मा की यह जननी थी । महापुराण 76.262-264 </p> | <p id="18">(18) विजयार्ध पर्वत की अलका नगरी के राजा हरिबल की दूसरी रानी । हिरण्यवर्मा की यह जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 76.262-264 </span></p> | ||
<p id="16">(16) राजा पारत की बहिन । यह राजा शतबिन्दु की रानी और जमदग्नि की जननी थी । महापुराण 65.59-60</p> | <p id="16">(16) राजा पारत की बहिन । यह राजा शतबिन्दु की रानी और जमदग्नि की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 65.59-60 </span></p> | ||
<p id="20">(20) राजा जयकुमार की रानी । पांडवपुराण 3. 14</p> | <p id="20">(20) राजा जयकुमार की रानी । <span class="GRef"> पांडवपुराण 3. 14 </span></p> | ||
<p id="21">(21) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में मेघपुर नगर के राजा अतीन्द्र की रानी । | <p id="21">(21) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में मेघपुर नगर के राजा अतीन्द्र की रानी । श्रीकण्ठ इसका पुत्र तथा महामनोहर देवी पुत्री थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 6.2-6 </span></p> | ||
<p id="22">(22) रावण की रानी । पद्मपुराण 77.13</p> | <p id="22">(22) रावण की रानी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 77.13 </span></p> | ||
<p id="23">(23) एक आर्यिका । इनसे सत्ताईस हजार स्त्रियों ने आर्यिका दीक्षा ली थी । पद्मपुराण 119.42</p> | <p id="23">(23) एक आर्यिका । इनसे सत्ताईस हजार स्त्रियों ने आर्यिका दीक्षा ली थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 119.42 </span></p> | ||
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Revision as of 21:48, 5 July 2020
(1) राजा सर्वार्थ की रानी । यह सिद्धार्थ की जननी (भगवान् महावीर की दादी) थी । हरिवंशपुराण 2. 13
(2) राजा श्रेयांस के पूर्व भव का जीव पूर्वभव में यह राजा वज्रजंघ की रानी थी । हरिवंशपुराण 9. 183
( 3) भरतक्षेत्र में जयन्तनगर के राजा श्रीधर की रानी । यह विमलश्री की जननी थी । महापुराण 71. 453, हरिवंशपुराण 60. 117
(4) अरिष्टपुर नगर के राजा स्वर्णनाभ की रानी । कृष्ण की पटरानी पद्मावती की यह जननी थी । महापुराण 71. 457, हरिवंशपुराण 60. 121
(5) साकेत नगर के राजा अतिबल की रानी । यह हिरण्यवती की माता थी । हरिवंशपुराण 27. 63
( 6) विदर्भ देश में कुण्डिनपुर के राजा भीष्म की रानी । यह कृष्ण की पटरानी रुक्मिणी की जननी थी । महापुराण 71. 341, हरिवंशपुराण 60. 39
(7) जम्बूद्वीप में भरतक्षेत्र के पुष्कलावती देश की वीतशोका नगरी के राजा अशोक की रानी । कृष्ण की पटरानी सुसीमा के पूर्वभव का जीव श्रीकान्ता की यह जननी थी । हरिवंशपुराण 60.56, 68-69
(8) कौशाम्बी नगरी के राजा महाबल की रानी । श्रीकान्ता इसकी पुत्री थी । महापुराण 62. 351, पांडवपुराण 4.207
(9) उज्जयिनी नगरी के राजा श्रीधर्मा की रानी । हरिवंशपुराण 20. 3
(10) गजपुर (हस्तिनापुर) के राजा श्रीचन्द्र की रानी । सुप्रतिष्ठ की यह जननी थी । महापुराण 70. 52, हरिवंशपुराण 34.43
(11) कुरुवंशी राजा सूर्य की रानी । तीर्थंकर कुन्थुनाथ की यह जननी थी । हरिवंशपुराण 45. 20
(12) एक आर्यिका । बन्धुयशा की पर्याय में कृष्ण की पटरानी जाम्बवती ने इन्हीं से प्रोषधव्रत धारण किया था । हरिवंशपुराण 60. 48-49
(13) विदेहक्षेत्र में पुण्डरीकिणी नगरी के राजा वज्रदन्त तथा रानी लक्ष्मीवती की पुत्री । यह बहुत सुन्दर थी । इसका विवाह राजा वज्रदन्त ने अपने भानजे वज्रजंघ के साथ किया था । इसके अट्ठानवें पुत्र थे । आयु के अन्त में केश-संस्कार के लिए जलाई गयी धूप के धुएँ से पति के साथ ही इसका भी मरण हुआ । महापुराण 6. 58-60, 91, 105, 7. 192-195, 249, 8. 49, 9. 26-27, 33
(14) सुरम्य देश में श्रीपुर नगर के राजा श्रीधर की रानी । यह जयावती की जननी थी । महापुराण 47. 14
(15) सुप्रकारपुर के राजा शम्बर की रानी । कृष्ण की पटरानी लक्ष्मणा की यह जननी थी । महापुराण 71. 409-410
(16) राजा कुणिक की रानी । अन्य कुणिक के पिता श्रेणिक की यह जननी थी । महापुराण 74. 418, वीरवर्द्धमान चरित्र 19. 135
(17) राजा सत्यंधर के पुरोहित सागर की रानी । यह बुद्धिषेण की जननी थी । महापुराण 75.254-259
(18) विजयार्ध पर्वत की अलका नगरी के राजा हरिबल की दूसरी रानी । हिरण्यवर्मा की यह जननी थी । महापुराण 76.262-264
(16) राजा पारत की बहिन । यह राजा शतबिन्दु की रानी और जमदग्नि की जननी थी । महापुराण 65.59-60
(20) राजा जयकुमार की रानी । पांडवपुराण 3. 14
(21) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में मेघपुर नगर के राजा अतीन्द्र की रानी । श्रीकण्ठ इसका पुत्र तथा महामनोहर देवी पुत्री थी । पद्मपुराण 6.2-6
(22) रावण की रानी । पद्मपुराण 77.13
(23) एक आर्यिका । इनसे सत्ताईस हजार स्त्रियों ने आर्यिका दीक्षा ली थी । पद्मपुराण 119.42