श्रुतकीर्ति: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<ol class="HindiText"> | <ol class="HindiText"> | ||
<li>नन्दिसंघ बलात्कारगण त्रिभुवन कीर्ति के शिष्य। कृतियें - हरिवंश पुराण, धर्म परीक्षा, परमेष्ठी प्रकाशसार, योगसार। समय - हरिवंश रचनाकाल वि. | <li>नन्दिसंघ बलात्कारगण त्रिभुवन कीर्ति के शिष्य। कृतियें - हरिवंश पुराण, धर्म परीक्षा, परमेष्ठी प्रकाशसार, योगसार। समय - हरिवंश रचनाकाल वि.1552। (देखें [[ इतिहास#7.4 | इतिहास - 7.4]])। (ती./3/430)।</li> | ||
<li>नन्दिसंघ देशीयगण, माघनन्दि कोल्हापुरीय के शिष्य एक महावादी। श्वेताम्बराचार्य देवेन्द्र सूरि को परास्त किया। कृति - काव्य राघव पाण्डवीय। समय - (ई. | <li>नन्दिसंघ देशीयगण, माघनन्दि कोल्हापुरीय के शिष्य एक महावादी। श्वेताम्बराचार्य देवेन्द्र सूरि को परास्त किया। कृति - काव्य राघव पाण्डवीय। समय - (ई.1133-1163)। (देखें [[ इतिहास#7.5 | इतिहास - 7.5]]);(ष.सं.2/प्र.4/H.L.jain)।</li> | ||
</ol> | </ol> | ||
<noinclude> | |||
[[ | [[ श्रुत मूढ | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[Category:श]] | [[ श्रुतकेवली | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: श]] |
Revision as of 21:48, 5 July 2020
- नन्दिसंघ बलात्कारगण त्रिभुवन कीर्ति के शिष्य। कृतियें - हरिवंश पुराण, धर्म परीक्षा, परमेष्ठी प्रकाशसार, योगसार। समय - हरिवंश रचनाकाल वि.1552। (देखें इतिहास - 7.4)। (ती./3/430)।
- नन्दिसंघ देशीयगण, माघनन्दि कोल्हापुरीय के शिष्य एक महावादी। श्वेताम्बराचार्य देवेन्द्र सूरि को परास्त किया। कृति - काव्य राघव पाण्डवीय। समय - (ई.1133-1163)। (देखें इतिहास - 7.5);(ष.सं.2/प्र.4/H.L.jain)।