श्रुतदेवता: Difference between revisions
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<p> तीनों लोकों से वंद्य श्रुतदेवी-जिनवाणी । विद्या पढ़ने-पढ़ाने का शुभारम्भ करने के पूर्व इस देवता का स्मरण किया जाता है । महापुराण 16.103, पद्मपुराण 3.95</p> | <p> तीनों लोकों से वंद्य श्रुतदेवी-जिनवाणी । विद्या पढ़ने-पढ़ाने का शुभारम्भ करने के पूर्व इस देवता का स्मरण किया जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 16.103, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 3.95 </span></p> | ||
Revision as of 21:48, 5 July 2020
तीनों लोकों से वंद्य श्रुतदेवी-जिनवाणी । विद्या पढ़ने-पढ़ाने का शुभारम्भ करने के पूर्व इस देवता का स्मरण किया जाता है । महापुराण 16.103, पद्मपुराण 3.95